The power of thought

The power of thought

Saturday, January 19, 2013

दर्द क्या , मैं जानता हूँ ।।

कश्मीर के मेरे परिवार वालों के प्रति मेरी  यह कविता जो मैं अपने कृष्ण को समर्पित कर रहा हूँ । जिन्हें आज के दिन ही अपनी धरती से विमुख होना पड़ा था।

 होती नहीं अब नींद पूरी 
मेरी इन झुरमुटों में 
सिलवटें ही सिलवटें हैं 
मेरी इन करवटों में ।
घर से खुद के,बिछोह का 
दर्द क्या , मैं जानता  हूँ ।।

निरपेक्ष मेरा धर्म था 
अभिमान मेरा कर्म था,
जिस देश का मैं प्यार था 
वो आज मुझसे दूर है ।
बंधुता की बातें मुझसे 
इक मजाक जो विद्रूप है ।
घर से खुद के,बिछोह का 
दर्द क्या , मैं जानता हूँ ।। 

जगतगुरु जो राष्ट्र था 
उसका मैं सिरमौर था ,
पर आज उसकी नीतियों में 
केवल इक विचार हूँ ।।
सिलवटें ही सिलवटें हैं 
मेरी इन करवटों में ।
घर से खुद के,बिछोह का 
दर्द क्या , मैं जानता  हूँ ।।

मैं विचल हूँ ,मैं अटल हूँ''
मैं कुपित हूँ,मैं  सरल हूँ 
दर्द हूँ , या श्राप हूँ 
गोया सच तो यह है कुछ भी नही हूँ 
बस अपने ही इस देश में 
मैं आज एक शरणार्थी हूँ ।।

कलकाल का ये प्रारंभ है 
विकरालता का आरम्भ है 
मैं कल भी था मैं आज भी हूँ 
पर एक बात का विश्वास हैं'
कल या मैं नहीं हूँ या मेरे पास तू भी है 
जो खुद अपने ही इस देश में बनके बैठा 
एक शरणार्थी है ।

घर से खुद के,बिछोह का 
दर्द क्या , मैं जानता  हूँ ।।



Friday, January 18, 2013

"Love garden : A Date": My entry for the Get Published contest

The Idea - Love is the strength but what will you do when your true love becomes your worst weakness. The Story is about two lovers deep in love. On a very romantic date the girl got raped & boy brutally beaten. Now Boys is in deep depression thinking it is all his fault because it was his idea of this horror date. It resulted in his continuous failing leading to his civil services exam interview. The girl is guilty to be the reason of boy's beating,in her soul. They both are lost. As they both were preparing for competitive examinations it has affected not their love(present) but also their future.What they are going to do? Do they still love each other? Would they be able to accept them in their life. What about their career.Will the ever can have their love garden that got destroyed due to that one date.

"What Makes This Story ‘Real"

Its a story about the incident that can happen any where to any one in this world. Its not a fairy romantic tale. And can lead to any ending.

Extracts

"Ain't you the same ,?" Interviewer asked him"Why you have put IPS as your first choice? Are you planning some avenge."
He broke down in tears.He is not able to stop. 

The result came expected he scored only 75 in interview.No he was not selected.Another setback.

This is my entry for the HarperCollins–IndiBlogger Get Published contest, which is run with inputs from Yashodhara Lal andHarperCollins India.

Tuesday, January 8, 2013

आगे रोक है

सावधान! होशियार!
ख़बरदार!
जनसाधारण को सूचित किया 
जाता है की 
यहाँ आज से रोक है ।
मोबाइल पर रोक है 
इन्टरनेट पर रोक है 
लड़कियों की आजादी पर,
उनके जीन्स पहनने पर 
बढ़िया मेकअप करने पर 
रोक है! रोक है!

लोगो में आकर्षण पर 
बुद्धि के प्रयोग पर 
हिम्मत और सच्चाई पर 
भी 
लग चुकी रोक है।

इंडिया के गेट पर 
मेट्रो के रेल पर 
भूखों के पेट पर 
और 
लोगों के नेक पर 
रोक है! रोक है!
केवल 
हिंसा व् बटवारे ,
भड़काऊ , चटखारे 
वादें एवं नारे 
भाषण 
अश्लील नजारें 
अपराधों व दंगो से 
हट चुकी यह 
रोक है ।
लेकिन 
चिड़ियों की आजादी पर 
उनकी उस आवाज पर 
क्या
लगी कभी कोई रोक है ?


Saturday, January 5, 2013

अबकी बेटी


ज्यों गिरते विचार हैं 
बाहर उत्ते ही खतरे अपार हैं ।
तो 
हे प्रभु ! अबकी मुझे बेटी न दीजो ।।

संसार में खतरे या खतरों में संसार है?
भेडियों को भेड़ों का जहाँ बारम्बार प्रणाम है 
शेयर बाजार से ज्यादा 
जहाँ 
बलात्कार का कारोबार है ।
उस धरती पर,
हे प्रभु ! अबकी मुझे बेटी न दीजो ।।

जहाँ लोग खुद को
खुद ही
अंगीकृत विधान करते आत्मार्पित हो ,
एवं
न्याय,स्वतंत्रता,समता व् बंधुता की
हो रही जिसमे बात हो
उस पावन ग्रन्थ रचियता धरती पर
बिलकुल भी,

हे प्रभु ! अबकी मुझे बेटी न दीजो ।।

पर,मेरा खुद का भी तो संसार है
खुशियाँ पाना मेरा भी अधिकार है
और बेटी से पावन मुझको
मिल सकता क्या उपहार है ?
बल दे पाना ही तो मेरा पुरषार्थ है
ज्ञान,बल,कौशल जो प्रदान हो
तो

हे प्रभु ! अबकी एक बेटी दे ही दीना ।।