The power of thought

The power of thought

Tuesday, January 8, 2013

आगे रोक है

सावधान! होशियार!
ख़बरदार!
जनसाधारण को सूचित किया 
जाता है की 
यहाँ आज से रोक है ।
मोबाइल पर रोक है 
इन्टरनेट पर रोक है 
लड़कियों की आजादी पर,
उनके जीन्स पहनने पर 
बढ़िया मेकअप करने पर 
रोक है! रोक है!

लोगो में आकर्षण पर 
बुद्धि के प्रयोग पर 
हिम्मत और सच्चाई पर 
भी 
लग चुकी रोक है।

इंडिया के गेट पर 
मेट्रो के रेल पर 
भूखों के पेट पर 
और 
लोगों के नेक पर 
रोक है! रोक है!
केवल 
हिंसा व् बटवारे ,
भड़काऊ , चटखारे 
वादें एवं नारे 
भाषण 
अश्लील नजारें 
अपराधों व दंगो से 
हट चुकी यह 
रोक है ।
लेकिन 
चिड़ियों की आजादी पर 
उनकी उस आवाज पर 
क्या
लगी कभी कोई रोक है ?


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