The power of thought

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Saturday, September 30, 2017

तुझसे मोहब्बत

इतना तो तुम इतराती हो ,
यह जुल्म जाने क्यों करती हो || 

मैं तुझको सोचा करता हूँ ,
तू दिन भर सोया करती है || 

मैं रो रो आहें भरता हूँ , 
तू खुद मैं ऊँघा करती है || 

मैं कॉल तुझे ही करता हूँ ,
तू सबसे बातें करती है || 

मैं तुझको सोचा करता हूँ ,
तू मुझसे वादें करती है || 

मैं तेरे वादों में खो जाता हूँ,
तू उनको भुला करती है || 

मैं तेरे साथ को तड़पता हूँ ,
तू अपनी ड्यूटी करती है || 

मैं ठंडी आहें भरता हूँ ,
तू कुछ न कुछ हमेशा करती  है || 

मैं तुझसे मोहब्बत करता हूँ , 
तू मुझसे मोहब्बत करती है || 

मैं शिद्धत से तड़पता हूँ ,
तू अपनी ड्यूटी करती है || 
मैं तुझसे मोहब्बत करता हूँ,
तू मुझसे मोहब्बत करती है || 


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