The power of thought

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Friday, January 31, 2014

निर्वस्त्र

 उनसे करना दोस्ती ही 
मेरी भारी एक भूल थी  । 
 दिन के उस दहाड़े , बत्ती रक्त के साये 
वो रौंद नोच गए उसे 
जो मेरे बगिया कि फूल थी ॥ 

वो बदहाल , बैचेन थी 
रोता अंदर , समझाता उसको मैं उसका बाप था । 
महामहिम को लाना व समझना अपना 
मेरा ही तो पाप था ॥ 

इस विपदा भूले जाने कितने मित्र याद आये 
मिलना उनसे कितने , ही सस्ते व्यंग्य लाये । 
खा सबसे धक्के , मैं सरकार को गया 
थे कदम जड़ , मैं रोता विलपता ही गया । 
साहेब ने उठाया , कंधे से लगाया 
आंसू पोंछे , पिला पानी कन्धा दिलवाया । 
फिर मीठी मुस्कान , तीखी आँखों का वक़्त आया 

जब उनकी तरफ से वो आदेश आया 
"आप वहाँ जाये , पर अपनी बेटी भेजे जाये "

परले बाद वो जड़ सी आयी और, मैं फिर रो पड़ा 
  क्योंकि कीड़ा उस फूल का अंतिम श्वास भी था पी गया ॥ 

दिनों बाद साहेब को मैं फिर याद आया 
उन्होंने फ़ौरन अपने कमरे में , बुलवाया । 
बुला अंदर उन्होंने अब खोलने को , मेरे कपडे 
वो कष्ट किया और मेरे गिरबान वो सर्पिल हस्त रखा । 
"पर मैं भी अब सावधान था 
जोकि इस बार मैं , पहले से ही निर्वस्त्र था "

Friday, January 17, 2014

भूख और भूँक

वो अपने पिल्ले के लिए हजारों की खरीददारी कर  निकले , और अपने पिल्ले को गोद में भर लिया । तभी उन्हें एहसास हुआ कोई उनका महंगा सूट खींच रहा है । पलटे तो देखा एक भूखा इंसानी बच्चा था, जिसे देख गोद में लेटा उनका बच्चा चीखने लगा । अपने बच्चे को रोता देख उनने उस भूखे को एक थप्पड़ जड़ दिया , जिससे वो गिर , भूँकने लगा ।

Monday, January 6, 2014

वेश्या

वह चलती है इतराती सी 
इठलाती , मदमाती सी । 
छिड़ती , नित ही जाती है ,
दिलफेकों कि आवारगी , वो 
हँस हँस सहते जाती है ॥ 

वो रोज ही घर से जाती है 
औ अहले सुबह ही आ पाती है । 
धंधे पे उसके आपत्ति है 
इन कर्णधार रखवालों को ,
क्योंकि , वो लाज़ बेच सुख पाती है ॥ 

लेकिन बेच खुद को ही तो 
पाल , परिवार वो अपना पाती है । 
गो खुद को वो समझाती है कि ,
जो रहना जिन्दा मज़बूरी है तो 
कुछ भी करना पड़ता है ॥ 

लेकिन पथरायी , नुंचायी देह की 
वह रूह सवाल कर जाती है  ,
"जो देह बेचने पर अधिकार नहीं तो ,
खरीदने पर , है क्यों सम्मान यहाँ" ??

वह देह नुचवाते जाती है 
और पेटों को भरते जाती है ।
आँखों में उपहास भर वो 
हम सब को देखती जाती है  
और पूछने पर नाम , खुद को 
वो "वेश्या " बतलाती है  ॥