आज जब फिर से हमारे देश के आम चुनाव सामने है तो सभी दल एक दुसरे पर कीचड़ उछालने का काम आसानी से कर रहे है। और आख़िरकार करे भी तो क्यो न आज इस देश के सारे वीर सपूत चुप जो है , आज हमारे वो सुरवीर ख़ुद को भुला बैठे है पता नही क्यो ? आज हिन्दुस्थान मे ही हिंदू पैदा होना गुनाह हो गया है पर कोई करेभी तो क्या आख़िरकार ईश्वर के इस फैसले पर किसी का बस चला है आज तक तो इन सूरविरो का चलता । समूचे विश्व मे एक ही तो देश था हिन्दुस्थान जिसे सारे विश्व के हिंदू एक आदर की द्रिस्थी की देखते थे पर अफ़सोस वो देश भी आज उनका न रहा , ईसाईयों के लिए अपना देश कहने को बहुत से स्थान है अमेरिका है,ब्रिटेन हे,फ्रांस है, मुस्लिमो के लिए भी कमी नही है अरब है,ग्रीस है,बगल मे ही अफ़गान है, पाक है पर उन बेसहाय हिन्दुओ का कौन है ? कोई भी तो नही ............
इस देश में आज तथाकथित रूप से सब मे स्वयं को धर्म-निरपेक्ष दिखाने की होड़ लगी है,मै हूँ धर्म-निरपेक्ष ।
सब यही तो दिखाना चाहते है पर कोई आज ये नही सोच रहा है की इस का देश पर क्या असर पड़ रहा है। एकलव्य आज बहुत ही प्रसन हो रहा होगा । आज इस देश मै सेकुलर साबित करने को बस दो ही रास्ते शेष रह गए है
(अगर आप में थोडी शर्म बाकी है ) यीशु महान थे ,पैगम्बर महान थे।
(यदि आप पुरी तरह बेशर्म है )राम ............ये कौन था , कौन हनुमान अच्छा वो कहानी वाला।
मेरे भाइयो धर्म निरपेक्ष छवि बनाए रखने को क्या सिर्फ़ यही दो रास्ते रह गए है क्या मैं नही मानता .आज कोई भी मसला हो जो भी दल राम या हिंदुत्व की बात करेगा वो संप्रादियक है .........ऐसा सिर्फ़ हिन्दुस्थान में ही सम्भव है और कही नही
वक़्त की पुकार को समझने वालों की आवश्यकता है आज हिन्दुस्थान को
कल नुमाइश में मिला , वो चिथड़े लपटे हुए
मैंने पुछा नाम , तो बोला की में "हिन्दुस्थान" हु
कानून कहता है की वो सब के लिए बराबर है , तो फिर कैसे आज इस देश में "जय श्री राम " कहना संप्रादियक है तो
अजान पर "अल्लाह हो अकबर " की आवाज संप्रादियक उन्माद कैसे नहीं है....
हज पर जाने वालो के लिए अनुदान सरकारी सहायता तो मानसरोवर की यात्रा के लिए दी गयी राशि पक्षपात कैसे हो गयी
swagat bahut sahi bat kahi hai.
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और शुभकामनायें
ReplyDeleteकृपया दूसरे ब्लॉगों को भी पढें और उनका उत्साहवर्धन
करें
achha likha. go a head.narayan narayan
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