The power of thought

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Monday, October 19, 2009






आज जब फिर से हमारे देश के आम चुनाव सामने है तो सभी दल एक दुसरे पर कीचड़ उछालने का काम आसानीसे कर रहे है। और आख़िरकार करे भी तो क्यो  आज इस देश के सारे वीर सपूत चुप जो है , आज हमारे वोसुरवीर ख़ुद को भुला बैठे है पता नही क्यो ? आज हिन्दुस्थान मे ही हिंदू पैदा होना गुनाह हो गया है पर कोई करेभीतो क्या आख़िरकार ईश्वर के इस फैसले पर किसी का बस चला है आज तक तो इन सूरविरो का चलता । समूचेविश्व मे एक ही तो देश था हिन्दुस्थान जिसे सारे विश्व के हिंदू एक आदर की द्रिस्थी की देखते थे पर अफ़सोस वोदेश भी आज उनका  रहा , ईसाईयों के लिए अपना देश कहने को बहुत से स्थान है अमेरिका है,ब्रिटेन हे,फ्रांस है,मुस्लिमो के लिए भी कमी नही है अरब है,ग्रीस है,बगल मे ही अफ़गान हैपाक है पर उन बेसहाय हिन्दुओ का कौनहै ? कोई भी तो नही ............

इस देश में आज तथाकथित रूप से सब मे स्वयं को धर्म-निरपेक्ष दिखाने की होड़ लगी है,मै हूँ धर्म-निरपेक्ष ।

सब यही तो दिखाना चाहते है पर कोई आज ये नही सोच रहा है की इस का देश पर क्या असर पड़ रहा है। एकलव्यआज बहुत ही प्रसन हो रहा होगा । आज इस देश मै सेकुलर साबित करने को बस दो ही रास्ते शेष रह गए है


  1. (अगर आप में थोडी शर्म बाकी है ) यीशु महान थे ,पैगम्बर महान थे

  2. (यदि आप पुरी तरह बेशर्म है )राम ............ये कौन था , कौन हनुमान अच्छा वो कहानी वाला

मेरे भाइयो धर्म निरपेक्ष छवि बनाए रखने को क्या सिर्फ़ यही दो रास्ते रह गए है क्या मैं नही मानता .आज कोई भीमसला हो जो भी दल राम या हिंदुत्व की बात करेगा वो संप्रादियक है .........ऐसा सिर्फ़ हिन्दुस्थान  में ही सम्भव हैऔर कही नही. 
 आप जिसे सच कहते हो हम भी मानते है हम कभी   नहीं कहते की हमे विश्वास नहीं .क्या हज के  लिए अनुदान देना साम्प्रदायिकता नहीं है तो मानसरोवर , तीर्थो के लिए दिए जाने वाला अनुदान सांप्रदायिक कैसे हो गया 








   जवाब कोई और नहीं देगा हमे खुद ही खोजना होगा ....... 

3 comments:

  1. hey god if are here and you can this guy ....so plz help him to be some kind of human that can be tolerated by everyone...

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