हर पूजा में पूज्य हो तुम
हर घर का आधार हो तुम
बेटी,दीदी,पत्नी और माँ हो तुम
ममता और प्यार का साकार रूप हो तुम ।।
पूरे परिवार को एक सूत्र में पिरोती हो तुम
कभी देश की प्रथम नागरिक तो कभी अंतरिक्ष यात्री हो तुम
समय पर रण चंडी तो प्रणय -वेला में रम्भा हो तुम ।।
समस्याओं में सरस्वती ,शय्या पर उर्वशी
गृह-व्यवस्था में लक्ष्मी व चौके में अन्नपूर्णा
पुत्र के लिए साक्षात् पार्वती हो तुम
लेकिन
अपने ही कोख में नष्ट होती अपनी ही छवि के लिए
क्यूँ खामोश हो तुम???
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