"तुने मुझे गाली क्यों दी रे "भेड़िये ने बकरी के मेमने से पुछा ।
"मैंने.....नहीं ...कभी नहीं ...माँ कसम "
"तो तेरे बाप ने दी होगी "
"..........." मेमना रोने लगा ।
"अबे रो मत ...जा खेल "
अगले ही पल मेमना भेड़िया की जयजयकार करता जा चुका था । भेड़िये की दयालुता के किस्से जंगल में हर तरफ थे ।
अरे हाँ .....2 महीने बाद जंगल में आम चुनाव भी थे ।
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