"पापा,मुझे उस कंपनी का जूता चाहिए " मुन्ना ने कहा |
मैं "क्यूँ रे?....अभी नहीं अगले महीने ही दूंगा | अभी पैसे नहीं |"
शाम रिक्शा खींच कर आने के बाद देखा मुन्ना की माँ उसकी सेवा कर रही है |
"जूते न होने से आज मुन्ना को बहुत मार पड़ी "रोते हुए बीवी ने कहा |
मैं जमीन पर बैठ गया | मुन्ना के जख्म मेरी पीठ पर बन चुके थे|
मैं "क्यूँ रे?....अभी नहीं अगले महीने ही दूंगा | अभी पैसे नहीं |"
शाम रिक्शा खींच कर आने के बाद देखा मुन्ना की माँ उसकी सेवा कर रही है |
"जूते न होने से आज मुन्ना को बहुत मार पड़ी "रोते हुए बीवी ने कहा |
मैं जमीन पर बैठ गया | मुन्ना के जख्म मेरी पीठ पर बन चुके थे|