The power of thought

The power of thought

Tuesday, December 24, 2013

अवसर

उस जंगल में आया वो नया जानवर था ,जो खुद के ईमान कि दुहाई देता हुआ व जंगल को बदलने का दावा करता आया था । बाकि जानवरों ने उस पर ध्यान नही दिया और वह भूखा ही नारे लगाते हुआ भटकने लगा । दस  दिनों बाद शेर उसके सामने से गुजरा उसकी भूखी आँखों को देख शेर को अपनी कुर्सी सुरक्षित रखने का एक उपाय समझ आया औरवह उसकी ओर अपना जूठा फेंक चलता बना । पंद्रह घंटों के इन्तेजार का बाद उसने यहाँ देखा , फिर वहाँ और जूठी रोटी खाने में लग गया ।